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प्रमाण पत्र वाले बाबा जी !

मेरा पन्ना
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भारी उथल-पुथल मची है देश में | घोर अविश्वसनीयता व्याप्त है हर ओर | एक तरफ रूपये महाराज की डावांडोल स्थिति से बाजार त्रस्त हैं तो दुशरी तरफ धार्मिक लोग उपदेशको से आहत हैं |
अब देखिये न , मेरे एक मित्र की माता जी का मन धर्म में रमा तो वे एक बाबा जी के आश्रम में उनके बोल-वचन सुनने जाने लगीं | बाबा जी के इन बोल-वचनों का उन पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि, वे बाबा जी का सबसे इस तरह गुडगान करती जैसे साक्षात् देवताओं के गुरु बृहस्पति उन्हें ज्ञान दे रहे हों |
अब एक दिन अचानक, ए बाबा जी सुरा के नशे में मुग्ध होकर सडकों पर उपद्रव करते अपना सुन्दर तांडव दिखाने लगे | कुछ देर बाद पुलिस आई और जेल की पुण्यभूमि के दर्शन करवाने इन्हें अपने साथ ले गयी | तबसे मेरे मित्र की माता जी पानी पी-पीकर बाबा जी को कोस रही हैं | उन्हें सबसे ज्यादा दुःख इस बात का है की, बाबा जी के श्रद्धा-चरणों में उन्होंने अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा अर्पित किया था |
खैर, मुझे उनकी इस अवस्था पर दुःख था | अपने निट्ठल्ले चिंतन से मै इस समस्या का समाधान ढूंढने लगा | मुझे लगा की इन विशिस्ट बाबा जी लोगों को मानक संस्थानों द्वारा प्रमाणित होना चाहिए | मानक संस्थानों को इस रणक्षेत्र में उतर जाना चाहिए | उपदेशकों को भारतीय मानक संस्थान अपना ISI वाला हालमार्क देकर प्रमाणित करे की फलां उपदेशक महान सत्कर्मी और बड़े वाले बाबा जी हैं | इनके समस्त आचरण मानकों के अनुसार हैं | जिन उपदेशकों के शिष्य कई देशो में हैं, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन अपना ISO-४०२० प्रमाण पत्र देकर प्रमाणित करे की ये सबसे बड़े वाले बाबा जी हैं और विदेशी शिष्य भी इनसे उपदेश ग्रहण कर सकते हैं | इसमें बाबा जी लोगों का भी फायदा है | इससे उनका ‘स्टेटस सिम्बल’ बढेगा और कह सकेंगे कि वे ISI  तथा ISO प्रमाणित हैं | 
एक बात और, भारत सरकार को खाध्य सुरक्षा बिल की तरह श्रद्धालु सुरक्षा बिल लाना चाहिए | जिसमे अधिकार मिलना चाहिए की अपने आप को ठगा महसूस होने पर श्रद्धालु उपभोक्ता अदालतों में इन बाबा जी लोगों पर मुकदमा कर सकें | आखिर श्रद्धालु भारी चढ़ावा भी तो चढाते हैं |

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